Friday, 6 January 2023

इस हाथी को गौर से देखिए। राज प्लेस राजनगर मधुबनी का एतिहास || एससीपी फ़ाउंडेशन मधुबनी || अमरेन्द्र सिंह

 इस हाथी को गौर से देखिए।  राज प्लेस राजनगर मधुबनी का एतिहास




 यह बसपा का चुनाव निशान नहीं है, यह भारत में सीमेंट का इतिहास है। आप सोच रहे होंगे हाथी से सीमेंट का इतिहास क्या होगा। वैसे आप टीवी पर आये दिन एक सीमेंट का विज्ञापन देखते होंगे कि एक हाथी दिवाल से टकरा कर ध्वस्त हो जाता है, लेकिन यहां उस दावे को ही मूर्त रूप दिया गया है। दरअसल जब ब्रिटिश वास्तुदविद एम ए कोरनी ने रामेश्वेर सिंह को सीमेंट की खूबी यह कहते हुए बतायी कि यह इतना मजबूत ढांचा देगा कि हाथी भी तोड नहीं पायेगा, तो उन्होंने कोरनी से पहले सीमेंट से एक हाथी बनाकर दिखाने को कहा। कोरनी ने वहीं एक हाथी बनाया, जो भारत में सीमेंट से बना पहला ढांचा है। रामेश्वर सिंह ने इस ढांचे को देखकर कहा कि इसे तोडा नहीं जाये, बल्कि सचिवालय का स्वरूप ही इससे जोड दिखा जाये। कोरनी ने ऐसा ही किया। यह सीमेंट का हाथी उस सचिवालय का प्रवेश दरबाजा बन गया। आज सीमेंट खरीदते वक्त हम जरूर जर्मन और विदेशी तकनीक पर विश्वास करते हैं और महंगा नहीं सबसे बेहतर का नारा बुलंद करते हैं, लेकिन सीमेंट की तकनीक और इसका इतिहास तो राजनगर में ही देखा जा सकता है।

अमरेन्द्र सिंह 

एससीपी फ़ाउंडेशन एनजीओ

मधुबनी बिहार

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